इस लेेख के द्वारा आज हम आप सबको शब- ए – बारात के बारे में बहुत सारी जानकारियां देंगे। और यह शब्द इस्लामिक धर्म में क्या महत्व रखता है, आज हम आपको उसके बारे में भी इस आर्टिकल के माध्यम से बहुत सारी जानकारियां देंगे।
तो आशा करते है कि आप यह आर्टिकल पूरा पढ़ेंगे, ताकि आपको अच्छी से अच्छी जानकारियां मिल सके। अगर हम देखे तो इस्लामी धर्म में बहुत सारे त्योहार होते हैं। जिसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। उसमें से एक है शब – ए- बारात जिसे इस्लामिक धर्म के लोग बहुत ही अच्छे से मनाता है।
तो आइए आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा शबे बरात के बारे में बहुत सारी जानकारियां देंगे। यह क्या है ,क्यों मनाया जाता है, कैसे मनाया जाता है, इसकी महत्व क्या है, इन सभी की जानकारी हमारे इस आर्टिकल में आपको बहुत अच्छे से मिल जाएगी।
इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े, ताकि आप इन सभी जानकारियों से वंचित ना रह सके और आपको अच्छे से पता चल सके कि इस दिन क्या-क्या किया जाता है, यह त्यौहार कैसे मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है, इस त्यौहार को मनाने के पीछे क्या कारण है। तो आइए बिना समय कब आए इसके बारे में जानते हैं।
शब- ए- बारात क्या है | The night of forgiveness shab-e-barat Meaning in Hindi
शब – ए – बारात दुनिया में मनाए जाने वाले मुस्लिम समुदायों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। वह इस त्यौहार को इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार सावन के महीने में 14 या 15 तारीख की रात को मनाया करते हैं। शब- ए – बारात को इबादत की रात भी कहा जाता है। इस त्योहार के नाम में दो अर्थ छुपे हुए हैं, अगर आप गौर से देखें तो शब का मतलब रात और बारात का मतलब मासूमियत होता है।
शब- ए- बरात की रात मुसलमान अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के कब्रों पर जाकर दुआएं मांगते हैं। इसके अलावा अपने किए गए गुनाहों पर वह माफी भी मांगते हैं। शब – ए – बारात के मौके पर कई मुसलमान 2 दिनों का रोजा भी रखते हैं। यह त्योहार कतर ,सऊदी अरब, ओमान, यूएई और बहरीन जैसे देशों में बहुत ही धूमधाम से हर साल मनाया जाता है, और यह त्यौहार पाकिस्तान अन्य देशों जैसे कि भारत, मोनार्को और बांग्लादेश जैसे देशों में भी मनाया जाता है।
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शब –ए –बारात कैसे मनाया जाता है:-
बहुत सारे देशों में इस रात को खूब शानदार सजावट की जाती है। इस रात मुस्लिम समाज के द्वारा जुलूस और जलसे की तैयारी भी की जाती है। शब-ए – बरात की रात को कई जगहों पर शानदार जलसे की तैयारी की जाती है। और इस्लामिक धर्म के सभी पुरुष उस रात अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की कब्र पर जाकर दुआएं मांगते हैं, नवाज पढ़ते हैं। इस दिन लोग नए नए कपड़े पहन के अच्छे से सज धज के अपने घरों को सजा कर एक दावत की तरह इस त्यौहार को मनाते है। इस दिन सभी पुरुष लोग कब्र पर जाकर अपनी रिश्तेदारों और दोस्तों से माफी मांगते हैं, नमाज पढ़ते हैं।
शब –ए –बारात का महत्व :-
शब-ए – बारात की रात को इबादत की रात, सखाबत की रात, तिलाबत की रात कहा जाता है। अगर हम इसे आसान भाषा में समझे तो इस दिन दान पुण्य करना पड़ता है। इस रात को मस्जिद और कब्रिस्तान में सजावट की जाती है। शब – ए- बारात की रात को कब्रिस्तान में बहुत सारा भीड़ इकट्ठा होता है। शब- ए – बारात इस्लाम के 4 मुकद्दस रातों में से एक होती है। जिसमें पहली अशूरा की रात, दुसरी शब -ए मेराज की रात , तीसरी शब -ए – बारात की रात और आखरी शब -ए – कद्र की रात होती हैं। इस्लामिक धर्म में यह त्यौहार उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है उनके जीवन में इसका बहुत ही महत्व है।
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शब –ए –बारात मनाने के पीछे की वजह:-
शब – ए- बारात को मनाने की शुरुआत पैगंबर मोहम्मद द्वारा की गई थी। पैगंबर मोहम्मद की पत्नी जिनका नाम हजरत आयशा था। उन्होंने अपनी पत्नी को कहा था कि उन्हें 1 दिन का उपवास रखना चाहिए और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। उसी ही समय से शब – ए – बारात को मनाने की प्रथा चली आ रही है।
शब ए बारात को लेकर और इस रात को लेकर कुरान में कुछ ज्यादा स्पष्ट नहीं किया गया है। परंतु इस्लामिक धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़ी ही खुशी उल्लास और मान्यता के साथ मनाते हैं। मान्यता यह है कि इस रात को कब्र पर जाकर इबादत करने से और अल्लाह के सामने इबादत करने से उनके सभी गुनाह माफ होते हैं इसलिए लोग सारी रात जागकर शब – ए- बारात में अल्लाह को याद करते हैं और अपनी गुनाहों की माफी मांगते हैं। कहते हैं इस रात अल्लाह जिसकी गुनाहों की माफी देता है, उसके लिए जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं।
इस्लामिक धर्म में कहा जाता है कि इस रात को अगर लोग अपने गुनाहों की माफी अल्लाह से मांगते हैं, तो उनकी माफी कुबूल की जाती है और अल्लाह खुश होकर उन्हें जन्नत की रास्ते दिखाता है उन्हें हर खुशियों से नवाजता है।
निष्कर्ष:-
आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इस्लामिक धर्म में मनाए जाने वाले शब- ए – बारात के त्यौहार के बारे में अच्छी-अच्छी जानकारियां प्राप्त हुई होगी। और आप जान सके होंगे कि शब – ए – बारात के इस रात को अल्लाह से माफी मागने और तोबा करने से अल्लाह कुबूल करते है और गुनाहों को माफ कर देता है। आशा करते है कि आप सभी को हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आप का बहुत-बहुत धन्यवाद।